अक्सर महिलाओं को शिकायत रहती है कि सेफ सेक्स की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं पर थोप दी जाती है और पुरुष निश्चिंत रहते हैं। जब बात कॉन्ट्रासेप्टिव इस्तेमाल करने की आती है, तो महिलाओं से ही इसकी अपेक्षा की जाती है। जाहिर है, इसके साइड इफेक्ट्स भी उन्हें ही भुगतने पड़ते हैं।
हालांकि बदलते वक्त के साथ इस मामले में भी बदलाव आने जा रहा है। पुरुषों के लिए इफेक्टिव कॉन्ट्रासेप्टिव्स की खोज जोर-शोर से चल रही है। हाल ही में आई एक स्टडी के मुताबिक अगर पुरुषों को महीने में एक बार 500 एमजी टेस्टेस्टेरॉन का इंजेक्शन लगा दिया जाए, तो उनमें स्पर्म प्रॉडक्शन टेम्पररी रूप से बंद हो जाएगा। इस तरह अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है।
यानी महिलाएं जिस तरह बर्थ कंट्रोल पिल्स लेकर अनचाहे गर्भ से बच सकती है, उसी तरह पुरुष भी अब यह इंजेक्शन लेकर अपनी बीवी को अनचाही प्रेग्नेंसी से बचा सकते हैं। बेशक आजकल के पुरुष अगर महिलाओं को बेहतर रूप से समझने लगे हैं, तो महिलाएं भी हरेक मामले में बराबरी की डिमांड करने लगी हैं। फिर चाहे वह बेड रूम हो, बोर्ड रूम हो या फिर बर्थ कंट्रोल। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि कंडोम के लिए ना-नुकर करने वाले भारतीय पुरुष क्या ऐसे किसी कॉन्ट्रासेप्टिव को यूज करने के लिए तैयार होंगे?
कॉमिडियन कैरी कहते हैं, 'क्यों नहीं करेंगे? मेरे ख्याल से इंजेक्शन जैसे मेल कॉन्ट्रासेप्टिव्स के मार्किट में आने से सभी इसका खुले दिल से स्वागत करेंगे। फिर हमारी तेजी से बढ़ती पॉपुलेशन पर रोक लगाने के लिए भी यह बेहद जरूरी उपाय साबित होगा। वैसे भी, कॉन्ट्रासेप्टिव सिर्फ महिलाओं के लिए ही क्यों रहे, पुरुषों को भी इनका इस्तेमाल करना चाहिए। मेरे ख्याल से यह बर्थ कंट्रोल के साथ एसटीडी से बचाव में भी फायदेमंद रहेगा। खासतौर से कॉन्डम और कॉन्ट्रासेप्टिव का मैच बेस्ट रहेगा।'
भले ही पुरुष अपनी पार्टनर की खुशी की खातिर इंजेक्शन के रूप में कॉन्ट्रासेप्टिव यूज करने को तैयार हों, लेकिन महिलाएं अपने पार्टनर को कष्ट देने के लिए तैयार नहीं हैं। पीआर इग्जेक्युटिव सहाना कहती हैं, 'मेरा पार्टनर मेरी जगह कॉन्ट्रासेप्टिव इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन मैं उसे हर महीने इंजेक्शन नहीं लगवाना चाहती। जब मैं खुद हर महीने इंजेक्शन लगवाने को तैयार नहीं हूं, तो मैं अपने पार्टनर से ऐसी उम्मीद कैसे कर सकती हूं। अगर यह इंजेक्शन किसी कैंडी या टैब्लेट के रूप में आता है, तो मेरे और मेरे पार्टनर में से कोई भी कॉन्ट्रासेप्टिव इस्तेमाल करने के लिए तैयार है।'
हालांकि रिसर्च असिस्टेंट अनुपमा राव को बर्थ कंट्रोल का यह तरीका काफी पसंद है। वह कहती हैं, 'अगर महिला किसी मेडिकल प्रॉब्लम की वजह से कॉन्ट्रासेप्टिव इस्तेमाल नहीं कर पा रही हो, तो पुरुषों के पास इस इंजेक्शन के रूप में एक ऑप्शन रहेगा।'
हालांकि इस इंजेक्शन का टेस्टिंग रिजल्ट भले ही सफल रहा हो, लेकिन एक्सपर्ट्स अभी भी सेफ्टी के लिहाज से इसकी और टेस्टिंग पर जोर दे रहे हैं। डॉक्टर सुखविंदर कृष्णमूर्ति कहते हैं, 'पुरुष इस इंजेक्शन का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हों, लेकिन उनकी सेफ्टी के लिहाज से अभी और टेस्ट किए जाने की जरूरत है। इस तरह के कॉन्ट्रासेप्टिव के मार्किट में आने से बर्थ कंट्रोल की जिम्मेदारी पूरी तरह पुरुषों पर ही आ जाएगी। संभव है कि फिजिकल कॉन्ट्रासेप्टिव इस्तेमाल करने से इनकार करने वाले पुरुष इसे इस्तेमाल करने के लिए राजी हो जाएंगे।'
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