देश में घटते जल संसाधनों और इस साल पड़े सूखे के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ‘‘पानी बचाओ’’ का नया नारा दिया।
ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें पानी का फालतू इस्तेमाल रोकने की जरूरत है। हम पानी को इकट्ठा और जमा करने के कार्यक्रमों पर अधिक ध्यान देंगे। पानी बचाओ हमारे देश में एक राष्ट्रीय नारा होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि हाल ही के सालों में जलवायु परिवर्तन दुनियाभर में चिन्ता का विषय बना है। अगर समय पर सही कदम नहीं उठाए गए तो हमारे ग्लेशियर पिघल जाएंगे और हमारी नदियों में पानी बहुत कम हो जाएगा।
सिंह ने कहा कि सूखे और बाढ़ की समस्याएं और भी गंभीर हो जाएंगी। भारत जलवायु परिवर्तन की समस्या का सामना दुनिया के अन्य देशों के साथ मिलकर करना चाहता है। इसके लिए हमने आठ राष्ट्रीय मिशन बनाने का फैसला किया है जिनके जरिए हम जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि इसी सिलसिले में सौर उर्जा का प्रयोग बढ़ाने के लिए और उसे सस्ता करने के लिए इस साल 14 नवंबर को जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन की शुरुआत की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने गंगा नदी के जलस्रोतों के घटने की विशेषज्ञों की चिन्ताओं के बीच कहा कि पवित्र गंगा नदी भारत के करोड़ों लोगों के लिए जीवनस्रोत है। हमारा कर्तव्य है कि हम गंगा को साफ रखें। उन्होंने कहा कि इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकारों को आपसी सहयोग के साथ ही आम जनता की मदद की भी जरूरत है।

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