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त्रिपोली ।। 270 लोगों से भरे विमान को बम से उड़ाने वाले लीबिया के नागरिक अब्दुलबसेत अली मोहम्मद अल मेग्राही की रिहाई और देश वापसी पर देश
वासियों ने उसका हाथों में झंडे लेकर वीरों जैसा सत्कार किया है। इस बात से खफा ब्रिटेन और अमेरिका ने इस रवैये की तीखी आलोचना करते हुए अब्दुलबसेत अली मोहम्मद अल मेग्राही नाम के इस शख्स की नजरबंदी की मांगी की है। बेकसूरों की मौत के लिए जिम्मेदार इस शख्स ने हमला क्यों किया और क्यों इसे माफी दी गई, आइए जानें :

क्या थी घटना

1988 में ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में लॉकरबी शहर के ऊपर उड़ रहे यूएस बोइंग 747 विमान को बम से उड़ा दिया गया था। विमान में सवार 270 लोग मारे गए थे। इस घटना के लिए मेग्राही को दोषी साबित किया गया। इस हमले में मरने वालों में ज्यादातर ब्रिटिश और अमेरिकी नागरिक थे। इनमें तीन भारतीय नागरिक भी थे।

मेग्राही का मकसद

1952 में लीबिया की राजधानी त्रिपोली में जन्मे मेग्राही का परिवार लीबियाई मुअम्मर गद्दाफी की जनजाति का ही था। वे गद्दाफी के सबसे वफादारों में से थे। हमले का मकसद साबित करने के लिए इस लिंक का इस्तेमाल किया गया।

क्यों मिली माफी

मेग्राही को स्कॉटलैंड की अदालत ने उम्रकैद की सजा दी थी पर कैंसर पीड़ित होने के कारण उसे 8 साल की सजा भुगतने के बाद ही माफी मिल गई। अमेरिका और ब्रिटेन इस माफी के खिलाफ हैं। चूंकि सजा माफ करने वाली स्कॉटलैंड सरकार अर्ध स्वतंत्र है, इसलिए ब्रिटेन भी इस मामले में दखल देने से बच रहा है।

ब्रिटेन, अमेरिका खफा

ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड मिलिबैंड बीबीसी रेडियो पर कह चुके हैं कि मेग्राही जैसे जनसंहार करने वाले शख्स को लीबिया में हीरो जैसा सम्मान दिया जाना बेहद दुखद है। लीबिया सरकार मेग्राही से कैसे पेश आती है, इस पर ब्रिटेन की निगाह रहेगी। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने कहा है कि हम लीबिया सरकार के संपर्क में हैं और यह तय करेंगे कि मेग्राही का देश में सत्कार ना किया जाए बल्कि उसे नजरबंदी में रखा जाए।

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