प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आर्थिक विकास दर फिर से नौ प्रतिशत पर लाने को सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए राज्य सरकारों से आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए जमाखोरों और कालाबाजारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया।
डॉ. सिंह ने 63वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वव्यापी आर्थिक मंदी से देश को बचाने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है तथा इस साल के आखिर तक स्थिति में सुधार होना शुरू हो जाएगा तब तक हमें इसका बोझ सहना पड़ेगा। उन्होंने व्यापारियों और उद्योगपतियों से सरकार के साथ मिलकर काम करने तथा अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने अनाज-दाल जैसी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार कीमतों को काबू में रखने की हरसंभव कोशिश कर रही है। उन्होंने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि देश में अनाज का पर्याप्त भंडार है और उनकी सरकार का लक्ष्य है कि देश में कोई भूखा नहीं सोए। इसके लिए सरकार खाद्य सुरक्षा कानून बना रही है जिसके तहत गरीबी की रेखा के नीचे के हर परिवार को एक निश्चित मात्रा में निश्चित दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुपोषण को समाप्त करना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है तथा 2012 तक छह वर्ष तक के हर बच्चे को समन्वित बाल विकास कार्यक्रम के तहत लाया जाएगा।
डॉ. सिंह ने 63वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वव्यापी आर्थिक मंदी से देश को बचाने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है तथा इस साल के आखिर तक स्थिति में सुधार होना शुरू हो जाएगा तब तक हमें इसका बोझ सहना पड़ेगा। उन्होंने व्यापारियों और उद्योगपतियों से सरकार के साथ मिलकर काम करने तथा अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने अनाज-दाल जैसी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार कीमतों को काबू में रखने की हरसंभव कोशिश कर रही है। उन्होंने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि देश में अनाज का पर्याप्त भंडार है और उनकी सरकार का लक्ष्य है कि देश में कोई भूखा नहीं सोए। इसके लिए सरकार खाद्य सुरक्षा कानून बना रही है जिसके तहत गरीबी की रेखा के नीचे के हर परिवार को एक निश्चित मात्रा में निश्चित दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुपोषण को समाप्त करना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है तथा 2012 तक छह वर्ष तक के हर बच्चे को समन्वित बाल विकास कार्यक्रम के तहत लाया जाएगा।
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